भारत के कुछ रहस्यमय मंदिर जिनका राज आज भी राज है,
1. सोमनाथ मंदिर-
सोमनाथ मंदिर हिंदू धर्म के उत्थान पतन के इतिहास का प्रतीक रहा है, इस मंदिर को कई बार तोड़ा तथा पुनः निर्माण किया गया है, सोमनाथ मंदिर विश्व प्रसिद्ध पर्यटक तथा धार्मिक स्थल है यह 12 ज्योतिर्लिंग में प्रथम माना जाता है। प्राचीन काल में इसका शिवलिंग हवा में झूलता था लेकिन आक्रमणकारी मोहम्मद गजनबी ने इसे तोड़ दिया माना जाता है कि 24 शिवलिंग की स्थापना की गई थी उसमें सोमनाथ का शिवलिंग बीचोबीच था, इस मंदिर को अब तक 17 बार नष्ट किया गया है और पुनः निर्माण किया गया । भगवान श्री कृष्ण ने यहां पर देह त्याग किया था, श्री कृष्ण भालुका तीर्थ पर विश्राम कर रहे थे तभी शिकारी ने उनके पैर के तालू में पद चिन्ह को हिरण की आंख जानकर धोखे में तीर मारा था तब ही कृष्ण ने देहत्याग कर यहीं से वैकुंठ गमन किया था, इस स्थान पर बड़ा ही सुंदर कृष्ण मंदिर बना हुआ है।
2. करनी माता का मंदिर-
यहां एक प्रसिद्ध हिंदू मंदिर है जो राजस्थान के बीकानेर जिले में स्थित है, इसमें देवी करणी माता की मूर्तियां स्थापित की गई है या बीकानेर से 30 किलोमीटर की दूरी पर स्थित है यह मंदिर चूहों का मंदिर भी कहा जाता है इस पवित्र मंदिर में लगभग 20000 काले चूहे रहते हैं, चांदी के किवाड़ सोने के छत्र और चूहे के प्रसाद के लिए यहां रखी चांदी की बड़ी परात भी देखने लायक है, यहां चूहे पूरे मंदिर प्रांगण में मौजूद रहते हैं वह श्रद्धालुओं के शरीर पर कूद फांद करते रहते हैं लेकिन किसी को कोई नुकसान नहीं पहुंचाते हैं, इन चूहों की उपस्थिति की वजह से ही श्री करणी देवी का यह मंदिर चूहों वाला मंदिर के नाम से विख्यात है यहां पर सुबह 5:00 बजे मंगल आरती और शाम 7:00 बजे आरती के समय चूहों का जुलूस तो देखने लायक होता है।
3. ज्वाला देवी मंदिर-
यह माता सती के 51 शक्तिपीठों में से एक है यह मंदिर हिमाचल के कांगड़ा घाटी के दक्षिण में 30 किलोमीटर की दूरी पर स्थित,यहां माता सती की जीभ गिरी थी। इस मंदिर मे अग्नि की अलग-अलग नौ लपटें हैं। हजारों साल पुराने मां ज्वाला देवी के मंदिर में जो 9ज्वालाएं प्रज्वलित हैं वह नौ देवियों महाकाली, महालक्ष्मी सरस्वती अन्नपूर्णा ,चंडी ,विंध्यवासिनी, हिंगलाज भवानी, अंबिका और अंजना देवी की ही स्वरुप है कहते हैं।
4. कामाख्या मंदिर-
नीलांचल पर्वत के बीचों बीच स्थित कामाख्या मंदिर गुवाहाटी से करीब 8 किलोमीटर की दूरी पर स्थित है, यह मंदिर प्रसिद्ध 108 शक्तिपीठों में से एक है माना जाता है कि पिता द्वारा किया जा रहा यज्ञ की अग्नि में कूद कर सति के आत्मदाह करने के बाद जब महादेव उनके शव को लेकर तांडव कर रहे थे तब भगवान कृष्ण ने उनके क्रोध को शांत करने के लिए अपना सुदर्शन चक्र छोड़कर सती के शव को टुकड़े कर दिए थे, उस समय यहां सती की योनि और गर्भ आकर गिरे थे आज उस स्थान पर कामाख्या मंदिर स्थित है। इस मंदिर के चमत्कार और रहस्य के बारे में कई सारे किस्से हैं हजारों ऐसे किस्से हैं जिससे इस मंदिर के चमत्कारी और रहस्यमई होने का पता चलता है,
5. उज्जैन का काल भैरव मंदिर-
यहां की काल भैरव की मूर्ति मदिरापान करती है इसलिए यहां मंदिर में प्रसाद की जगह शराब चढ़ाई जाती है यही शराब यहां पर प्रसाद के रूप में भी बांटी जाती है कहा जाता है कि काल भैरवनाथ ही इस शहर के रक्षक हैं इस मंदिर के बाहर साल के 12 महीने और 24 घंटे शराब उपलब्ध रहती है।